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अर्थ के विचार से शब्द-भेद
अर्थ के विचार से शब्द–भेद शब्द की तीन शक्तियां होती हैं:- 1 अभिधा 2 लक्षणा और 3 व्यंजना अभिधा से वाच्यार्थ ,लक्षणा से लक्ष्यार्थ और व्यंजना से संकेतार्थ प्रकट होता है। 1 […]
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अर्थ के विचार से शब्द–भेद शब्द की तीन शक्तियां होती हैं:- 1 अभिधा 2 लक्षणा और 3 व्यंजना अभिधा से वाच्यार्थ ,लक्षणा से लक्ष्यार्थ और व्यंजना से संकेतार्थ प्रकट होता है। 1 […]
शब्द विचार (व्युत्पति के विचार ) व्युत्पति का अर्थ :- शब्दांशों या शब्दों के मेल से नए शब्द बनाने की प्रक्रिया को व्युत्पत्ति कहते हैं । व्युत्पति अर्थात रचना के विचार से शब्द तीन प्रकार […]
शब्द विचार जिसमें शब्दों के भेद ,उच्चारण ,मिलने की रीति आदि की जानकारी हो उसे शब्द विचार कहते हैं ।जैसे :- राम, श्याम, गंगा, हिमालय आदि । शब्द :- वर्णों या ध्वनियों के सार्थक मेल […]
हिंदी व्याकरण – संधि (विसर्ग संधि) स्वर या व्यंजन के साथ विसर्ग के मेल से जो विकार होता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं। नियम 1 :- यदि विसर्ग के पहले ‘अ’ हो और उसके […]
हिंदी व्याकरण – संधि (व्यंजन संधि) व्यंजन के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से जो विकार होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं । संस्कृत में व्यंजन संधि के बहुत– से नियम है यहाँ […]
संधि – विचार (स्वर संधि) दो वर्णों के मेल होने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे संधि कहते हैं। दो शब्द जब पास-पास होते हैं तो उच्चारण की सुविधा के लिए पहले शब्द के […]
वर्णों का वर्गीकरण वर्णों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है:- 1 प्रयत्न के अनुसार (स्वरतंत्री के कंपन के आधार पर) 2 बाह्य प्रयत्न के अनुसार (श्वास की मात्रा के आधार पर) […]
वर्ण विचार (Phonology) वर्ण वे होते हैं जिनके द्वारा ध्वनि के सूक्ष्म से सूक्ष्म अंश को व्यंजित किया जा सके। इसलिए सार्थक शब्द या पद के उस अंश को जिस को खंडित नहीं किया जा […]
हिन्दी भाषा का व्याकरण किसी भी भाषा के लिए उसका व्याकरण उसकी आत्मा के समान होता है। किसी भी भाषा को तब तक नहीं सीखा जा सकता, जब तक उस भाषा के व्याकरण का पूर्ण […]
हिंदी भाषा विकास एवं स्वरूप हिंदी भारत यूरोपीय परिवार की भाषा है । इस परिवार की भारतीय शाखा को ‘भारतीय आर्य भाषा ‘ भी कहा जाता है। इस भाषा का प्राचीनतम रूप वैदिक संस्कृत है। […]
Daily Himachal GK 2020